हम स्वतंत्र हैं — यह कहने को तो आसान है, लेकिन क्या हमने कभी रुकर सोचा है कि हम वास्तव में कितने आज़ाद हैं?  आज़ादी सिर्फ ज़ंजीरों से मुक्त होने का नाम नहीं, बल्कि विचारों, भावनाओं और आत्मा की स्वतंत्रता का अनुभव भी है। क्या हमारा मन, हमारी सोच, हमारा व्यवहार — यह सब हमारे नियंत्रण में है? या हम सामाजिक अपेक्षाओं, मानसिक तनावों और आत्मिक भ्रमों में जकड़े हुए हैं? यह लेख एक आम इंसान की नजर से इन गहराईयों को छूने का प्रयास है — एक आत्म-चिंतन की यात्र क्या हम सच में आज़ाद हैं? — Time Freedom की ओर एक आत्म-चिंतन हम स्वतंत्र हैं — यह कहना जितना आसान है, उतना ही जरूरी है कि कभी ठहरकर खुद से पूछें: क्या हम वाकई में आज़ाद हैं? आज़ादी सिर्फ ज़ंजीरों से मुक्त होने का नाम नहीं है।  यह तो विचारों की उड़ान, भावनाओं की सच्चाई, और आत्मा की पूर्णता में महसूस होने वाली स्वतंत्रता है। तो क्या हमारा mind, हमारी thinking, हमारा behavior — सब कुछ वाकई में हमारे control में है? या फिर हम society की expectations, mental stress और inner confusion में कहीं उलझे हुए हैं? यह लेख एक साधारण इंसान की दृष्टि से, इन ...
 
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